
आज मैं कैशियर की पोस्ट से रिटायर हो रहा हूँ। मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है, कि अब मैं अपना पूरा समय बच्चों के साथ बिता सकता हूँ। इस विदाई पार्टी में मेरी पत्नी नहीं आ सकीं, परंतु मेरे दोनों बेटे तथा दामाद आए हुए हैं। वह जो कैमरे से फोटो खींच रहा है, मेरा बड़ा लड़का है। मैं बहुत आभारी हूँ कि आप लोगों ने कोई ऐसा-वैसा चुटकुला नहीं सुनाया है।
मन बड़ा इमोशनल हो रहा है। मैं दरअसल देहात का हूँ इसलिए बात-बात पर मेरे मुँह से गाली निकल जाती है। इस नौकरी के दौरान कई लोगों से मेरी गाली-गलौच हुई। सैक्शन हैड से एक बार जूता-चप्पल भी हो चुका है, क्योंकि उन्होंने मेरी छुट्टी स्वीकार नहीं की थी। परंतु मुझे यह जानकर बहुत अच्छा लग रहा है कि आप लोगों में किसी ने भी मेरी बातों का बुरा नहीं माना है। जैसा कि सैक्शन हैड ने अभी बताया मैं साफ़ दिल का आदमी हूँ, जो कुछ जुबान पर आता है बोल जाता हूँ। कोई बात अपने दिल में नहीं रखता। यह अच्छी क्वालिटी है।
अपना सारा चार्ज मैंने पहले ही दे दिया है, परंतु सैक्शन हैड की सर्विस बुक छिपाकर रखी थी। मुझे ऐसा लग रहा था कि वह रिटायरमेंट के समय का क्लेम देने में कुछ दिक्कत कर सकते हैं। परंतु मेरे क्लेम का चेक आ चुका है। सर, मुझे माफ़ कर दीजिए, आपकी सर्विस बुक दरवाज़े के पास वाली केबिनेट के सबसे निचले खाने में है।
मेरे घर में भी कुछ जलपान की व्यवस्था है। मैंने ढोल बजाने वाला भी बुलवा लिया है, और मेरी इच्छा है कि मैं हार पहनकर ढोल बजवाते हुए जुलूस निकालकर अपने घर जाऊँ। आप सभी जो अपना गला तर करना चाहते हैं, कृपया जुलूस में मेरे साथ घर चलें।
आपने सब ने मिलकर राधा-कृष्ण की यह सुंदर मूर्ति मुझे उपहार दी है। मैंने सुना है कि पहले सरस्वती की मूर्ति पसंद की थी, पर कुछ लोगों को धारणा है कि मुझे राधा-कृष्ण अधिक सूट करते हैं, चलो कोई बात नहीं। यह भी भगवान हैं।
सैक्शन हैड ने मेरा लगभग सारा क्लेम आज ही दिलवा दिया, इसके लिए मैं आभारी हूँ। पर अभी भी इन्हें जरा भी अक्कल नहीं आई है। हार पहनाते और राधा-कृष्ण की मूर्ति देते समय दाँत फाड़कर फोटो खिंचवाया, पर चेक को सबको खोलकर क्यों दिखा रहे हैं___!
इसमें साढ़े सात लाख रूपए लिखे हैं, यह भी ज़ोर से पढ़कर सुना दिया है। आप तो वाहवाही लूट गए। अब मेरे घर में इसके लिए जो कलेश होगा, उसका कौन जिम्मेदार है___?
अगले साल इनका भी रिटायर होने का नंबर है। मैं अपने साथियों से प्रार्थना करता हूँ कि सैक्शन हैड साहब को अपने क्लेम का चेक भेंट करें तो उसमें देरी नहीं होनी चाहिए। कोई काम हो तो बेशक मुझे बुलवा लें। मैं फ्री में इनके क्लेम के लिए भाग-दौड़ करने को तैयार हूँ। इनका चेक, रिटारयरमेंट वाले दिन ही इनके सारे परिवार के सामने दिखाकर, फोटो खिंचवाकर भेंट होना चाहिए।
4 comments:
वो ढ़ोलवाले, फूलमाला और फोटो वाले से संपर्क बनाये रहना. अब रिटायर हो गये हैं. पैसे भी मिल गये हैं. कुछ सालों बाद दूसरा जलूस निकलेगा. उस समय आप लेटे रहेंगे मगर इन तीनों का काम बदस्तुर जारी रहेगा. अनेकों शुभकामनायें. गला तर करने लोग तब भी आयेंगे और आपकी ऐसी ही तारीफ होगी, चिन्ता न करें. :)
मजेदार संस्मरण। खैर अब आप ब्लॉगिंग को अधिक टाइम दे सकेंगे।
अच्छी कहानी.
http://kakesh.com
udan tashtari
आपने अच्छी सलाह दी, तो ढोल, फूलमाला और फोटोग्राफर की एडवांस बुकिंग कर दूँ। यही ठीक रहेगा, क्योंकि बाद में कुछ बचे न बचे।
shrish
अब ब्लॉगिंग पर टाइम कैसे दूँ। फिलहाल तो बड़ा लड़का बिज़नेस करने के लिए दो लाख मांग रहा है, छोटा अलग मुँह फुलाए है। दमाद सोच रहा है कि बाप के पैसे पर बेटी का भी हक है। इससे कैसे निपटूँ, यही सोच रहा हूँ।
काकेश
धन्यवाद!
- आनंद
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