मैं कोई ऐरा-गैरा प्रिंटर नहीं हूँ, मेरी ड्यूटी सरकारी बैंकों में पासबुक अपडेट करने में लगाई जाती है। हर आम ग्राहक (जिसके लिए पासबुक की नियमित एंट्री मायने रखती है), मेरी सलामती की दुआ मांगता है, क्योंकि मैं आए दिन खराब घोषित कर दिया जाता हूँ। बैंकों में खराब होने वाला इकलौता प्रिंटर होता हूँ, जिसके खराब होने से सबसे ज़्यादा ग्राहकों को मायूस होना पड़ता है।
मैं जब भी खराब होता हूँ, पूरे दिन अपनी जगह पर पड़ा रहता हूँ। ग्राहक गवाह हैं कि मुझे मरम्मत के लिए कहीं नहीं भेजा जाता, और न ही कोई इंजीनियर मुझे दुरूस्त करता दिखाई पड़ता है। फिर भी कुछ ऐसा चमत्कार होता है कि अगले दिन (यदि खराब रहने का दिन न हो तो) मैं चल पड़ता हूँ। शायद खराबी मामूली होती है जो बिना किसी मशक्कत के ठीक हो जाती है। परंतु अफ़सोस होता है, कि पूरे दिन अनेक ग्राहक मायूस लौट जाते हैं। मेरा कोई भाई बंद नहीं होता। पूरे बैंक में मैं अपने काम के लिए इकलौता होता हूँ।
पहले-पहल मेरे खराबी की सूचना काउंटर पर बैठा व्यक्ति बोलकर देता था। फिर सादे काग़ज़ पर लिख कर देने लगा। अब तो बक़ायदा एक सुंदर और टिकाऊ बोर्ड बनाया गया है। जिसमें हिंदी तथा अंग्रेज़ी दोनों में सुंदर, सुपाठ्य शब्दों में मेरे खराब होने की बात लिखी गई है, ताकि पढ़ने वाले को भी आराम रहे और जब भी ज़रूरत हो मुझे तुरंत लगाया जा सके।
ऐसा लग रहा है जैसे किसी ऑफ़िस में ''माँ बीमार है, इसलिए ---- दिन से ---- दिन की छुट्टी चाहिए'' वाले आवेदन पत्र को थोक में छपवाकर रख लिया है कि आवेदन देने वालों और पढ़ने वाले, दोनों को कम-से-कम कष्ट हो।
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1 comment:
प्रिंटर प्रभु जी अगर आप ठीक ठाक काम करें तो हमारी नैया पार होती रहे । बताएं हम बदले में आपकी क्या सेवा
कर सकते हैं ।
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