Tuesday, October 23, 2007
राम! बस दस मिनट और रूको _____
मैं संजयनगर दशहरा समिति का अध्यक्ष मनोहरलाल बोल रहा हूँ। जितने भी दर्शक आए हैं शांति बनाए रखें और वह आतिशबाजी का आनंद लें। भगवान राम भी अपनी वानर सेना के साथ मैदान में पधार चुके हैं। रावण दहन शीघ्र ही किया जाएगा। मंच पर हमारे मुख्य अतिथि श्री राजेश पटेल और उनके छोटे भाई विवेक पटेल, दोनों आ चुके हैं। श्री राजेश पटेल मेरे बड़े भाई जैसे हैं और यहाँ के जाने माने समाजसेवक हैं, और जनता के प्रेम में मज़बूर होकर उन्हें राजनीति ज्वाइन करना पड़ा और पिछले 10 वर्ष से राजनीति में सक्रिय हैं। श्री राजेश पटेल ने इस दशहरा उत्सव के आयोजन में अपना भरपूर योगदान दिया है और हमेशा देते रहेंगे। मैं बहुजन समाज पार्टी के युवा नेता भाई कस्तूरी लाल से अनुरोध करता हूँ कि वह मंच पर आकर राजेश पटेल जी का स्वागत करें।
अब मैं कपूर ज्वेलर्स के श्री नेकचंद जैन जी से अनुरोध करता हूँ कि वह भाई राजेश पटेल जी का स्वागत करें। श्री नेकचंद ने तन-मन-धन से इस दशहरा समिति के आयोजन में सहयोग दिया है।
भारतीय युवा मोर्चा के श्री गुमान भाई भी राजेश पटेल जी का स्वागत करें। यह विशाल कुंभकर्ण श्री गुमान भाई के सौजन्य से बना है। कृपया जल्दी-जल्दी मंच पर आएं। गुमान भाई ! और साथ में कमल त्यागी भी आ जाएँ।
एल.आई.जी. कल्याण समिति के सचिव श्री गौतम मंडल हमारे नेता श्री राजेश पटेल जी का स्वागत करेंगे। कृपया ताली बजाते जाएँ। दर्शकों से मेरा निवेदन है कि घेरे के अंदर न घुसें। सिक्योरिटी गार्ड और वालंटियर उधर देखिए क्या हो रहा है?
श्री सखाराम सेठ श्री राजेश पटेल का स्वागत करें।
श्री विद्याधर, सेठ गजानन, सेठ कर्मचंद श्री राजेश पटेल का स्वागत करें। तीनों एक साथ आ जाएँ। श्री राम जी, अपनी वानर सेना को सम्हालिए, बस थोड़ी देर और है, फिर पुतला दहन करते हैं। दर्शक कृपया जल्दबाजी न करें।
अखंड जागरण समिति, कल्याणगंज के मुखिया श्री सुखबीर जी हमारे मुख्य अतिथि श्री राजेश पटेल का स्वागत करेंगे।
सुप्रसिद्ध समाजसेवक यासीन भाई, श्री राजेश पटेल का स्वागत करेंगे। दिगंबर कुर्मी, प्रहलाद सोलंकी, गणेशचंद माँझी श्री राजेश पटेल का स्वागत करेंगे।
संजयनगर के प्रधान श्री कालूराम पासवान मुख्य अतिथि राजेश पटेल का स्वागत करेंगे। श्री नरेंद्र उप प्रधान भी साथ आ जाएँ। श्री रामखिलावन, श्री तेजेंदर खन्ना, श्री .... अरे, राम जी एक मिनट और रूकिए। भगवान राम मैं आपके हाथ जोड़ता हूँ बस दस मिनट और फिर पुतला...। हे भगवान, बाक़ी का स्वागत बाद में करेंगे... मैं राजेश पटेल जी और श्री विवेक पटेल जी से अनुरोध करता हूँ कि भगवान राम के साथ जाएँ और पुतला दहन में सहयोग करें। पटेल साहब दौड़कर जाइए, अबे राम ! रूक ! पटेल साहब को साथ लेता जा...
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9 comments:
बेहतरीन व्यंग्य.
very good bhai jaan - matlab ye ki pados vale ravan dahan se bhi kuchh mil hi gaya ... bahoot achha....
बहुत बढ़िया, आये दिन यही नाटक देखते रहते हैं हम।
यह पंक्ति तो बहुत जोरदार लगी
अबे राम ! रूक ! पटेल साहब को साथ लेता जा...
बहुत बढ़िया लिखा है ।
घुघूती बासूती
मनोहर लाल जी
जरा राम को ५ मिनट और रोक लेना. कुछ चिट्ठाकार भी पटेल साहब का और आपका स्वागत करना चाह रहे हैं. :)
बेहतरीन है भाई.
लाजवाब! आनंद जी. आपने परसाई जी की याद ताजा कर दी. आप जैसे ब्लागर ही इस विधा की उम्मीदें हैं.
वाह! क्या सच्चाई के साथ वह तस्वीर पेश की है, जो देश के लगभग हर भाग में, अनेकानेक उत्सवों/ समारोहों पर दिखायी देती है। हमारे व्यक्तिगत, राजनैतिक व आर्थिक उद्देश्य प्राथमिक हो जाते हैं व समारोह/उत्सव के मुख्य उद्देश्य गौड़।
वाह वाह वाह । बहुत खूब । सुब्हान अल्लाह।
बस यही अल्फाज़ हैं हमारे पास आपके इस तंज़निगारी की तारीफ में...
nityanand
बिलकुल ठीक समझा आपने, इस लेख का कच्चा माल पड़ोस के रावणदहन से ही मिला है।
काकेश, sagar chand nahar, mired mirage, अजित धन्यवाद, आपने इसे पसंद किया।
udan tashtari
मैं तो अपनी पूरी क़ोशिश कर रहा हूँ, रावण दहन के बाद आप जाइयेगा नहीं, स्वागत जारी रहेगा। लिस्ट ज़रा लंबी है, फिर भी अगले दशहरा से पहले ज़रूर नंबर आ जाएगा :-)
[ आशुतोष ]
मुझे भी परसाई बहुत याद आते हैं। उनके बारे में कहा जाता है कि परसाई को पूरा पढ़ लो तो समझो कि पूरी जिंदगी का तजुरबा हो गया।
राजीव
और कई बार अति हो जाती है, मन बहुत खीझ जाता है।
- आनंद
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