Thursday, October 11, 2007

कंप्‍यूटर चलाना बच्‍चों का खेल नहीं है___


चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी


मैं यूनिवर्सिटी में प्रोफ़ेसर हूँ, रिटायरमेंट के लिए चार साल बचे हैं। अब अपनी बात क्‍या बताऊँ, यहाँ बड़ी पॉलिटिक्‍स है। जो टैलेंटेड लोग हैं उन्‍हें आगे बढ़ने का मौक़ा ही नहीं मिलता। मुझे भी हर क़दम में बड़ी फाइट करनी पड़ी है।

अभी दो माह पहले की बात है। डिपार्टमेंट में कंप्‍यूटर आया। उसे हेड साहब ने अपने कमरे में लगवा लिया जबकि मेरे कमरे में लगना चाहिए था, क्‍योंकि मैंने यू.एस. में रिसर्च वर्क के दौरान कंप्‍यूटर पर बहुत काम किया था। इसलिए मुझे ही मालूम है कि कंप्‍यूटर कितना सो‍फेस्टिकेटेड इंस्‍ट्रूमेंट होता है, और उसे कैसे हैंडल करना है। ख़ैर, जब दूसरा कंप्‍यूटर आया तो उसके लिए मैंने पूरी फ़ाइट की और अपने कमरे में रखवा लिया।

मुझे कोई परेशानी नहीं है, आप भी आइए, इसमें काम कीजिए और अच्‍छे से ढक कर चले जाइए। पर मुझे लगता है कि यहाँ इंडिया में लोगों को इसे ठीक से हैंडल करना आता नहीं है। सही गलत-सलत बटन दबाते हैं और ख़राब कर देते हैं।

अभी परसों ही मैंने सुनील को डाँटा। अभी टेंपरेरी है पर जब तब काम करने के बहाने मुँह उठाए कंप्‍यूटर पर बैठ जाता है।

"सुनिए मिस्‍टर, आप इस कंप्‍यूटर चेयर धीरे बैठा करिए। यह बड़ा सो‍फेस्टिकेटेड होता है। इसमें झूला मत झूलिए।"

"ओके सर। मैं ध्‍यान रखूँगा।"

"और आप इतनी तेज़ी से कीबोर्ड पर बटन क्‍यों दबाते हैं। एक-एक अक्षर बारी-बारी से जाने दीजिए। एक साथ कई अक्षर भेजते हैं तभी तो कंप्‍यूटर हैंग हो जाता है।"

"बट सर, कीबोर्ड पर बटन तो..."

"अब आप मुझे मत समझाइये, कॉपी-पेस्‍ट करने के लिए आपको एडिट में जाना चाहिए। आप शार्टकट से कर लेते हैं। मैं आपसे बड़ा हूँ इसलिए आपके भले के लिए बताता हूँ कि ज़िंदगी में कभी भी शार्टकट अपनाना ठीक नहीं है।"

"पर इसमें शार्टकट...."

"आप इसमें म्‍यूज़ि‍क कैसे चलाते हैं। इट इज़ नॉट मेंड फ़ॉर म्‍यूज़ि‍क। आपको म्‍यूजिक सुनना है तो अलग साउंड सिस्‍टम ले आइए...."

"सॉरी सर, मैं...."

"आई वोंट एलाऊ यूज़लेस वर्क हियर! आप बताइए मुझे इसे पासवर्ड लॉक कैसे किया जाता हैं?"

"सर, जहाँ तक मेरी जानकारी है पासवर्ड का प्रोवीज़न नहीं है।"

'अच्‍छा !! मैं इतना तो जानता हूँ कि पासवर्ड सिस्‍टम हर कंप्‍यूटर में होता है। आप मत बताइए, मैं इसके इंजीनियर से पूछ लूँगा। गेट आउट!"

पता नहीं क्‍या, आज कल के लौंडे आप को फन्‍ने खाँ समझते हैं। मैं तब से कंप्‍यूटर चलाता हूँ जब तुम पैदा भी नहीं थे। जब जी चाहा, बिना हाथ पैर वाश किए कंप्‍यूटर में आ जाते हैं। कहीं इसमें वायरस आ गया तो?

6 comments:

Srijan Shilpi said...

दिलचस्प :)

PD said...

मजा आ गया पढ कर.. Srijan Shilpi ji ने सही कहा दिलचस्प.. वैसे माफ़ किजीयेगा,मैं अभी Shortcut ही इस्तेमाल कर रहा हूं.. :D
वैसे वायरस आने पर् मैं ठीक कर दूंगा..

Udan Tashtari said...

हा हा!! एक दिन कम्प्यूटर को ही नहला दिजिये वरना तो वायरस पक्का है काहे से कि पासवर्ड प्रोविजन भी नहीं है. न जाने किस किस ने बिना हाथ धोये छुआ होगा.

रोचक बातें करते हैं आप प्रोफेसर साहब. :)

आनंद said...

@srijan Shilpi

धन्‍यवाद, इसी तरह हौसला बढ़ाते रहें।

@pd

क्‍या आप अभी तक Shortcut का इस्‍तेमाल कर रहे हैं? मेरा लेख पढ़कर भी? लगता है सुनील की तरह आपको भी समझाना पड़ेगा :)

@udan tashtari

बिलकुल ठीक आइडिया बताया आपने। नहलाने वाली बात तो मेरे दिमाग़ में आई ही नहीं थी। अब ठंड का मौसम आ रहा है, आप भी अपना कंप्‍यूटर नहलाएँ, और हाँ पानी गर्म ज़रूर कर लें, ठंड का मौसम आ रहा है, ना। :)

बातें पसंद आई इसके लिए धन्‍यवाद।

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kaushalendra said...

Are bhai anand ji apne bina hath dhoye cmptr chune par virus ki bat ki hai...jan kar chauhan sahb ki taklif kharaab ho gai aur unke jodon men headache hone lagaa.