Tuesday, October 2, 2007
अब वह क़ानून तोड़ने की जुर्रत कभी नहीं करेगा!
आज हमारे पुलिस थाने में मकानदार और किराएदार का झगड़ा आया। मकानदार ने दो लड़कों को किराए पर कमरा दिया था। दोनों साल भर रहे, और अब छोड़ते समय दो महीने का किराया देने में अनाकानी करने लगे, मांगने पर गाली-गलौच करने लगे। दोनों पक्षों में हाथापाई की नौबत आ गई।
इस शहर में डकैती, क़त्ल के इतने सारे अपराध हो रहे हैं, उन पर ध्यान दें कि इनका झगड़ा निपटाएँ। पर क़ानून दोनों पक्षों ने तोड़ा है। साफ पुलिस केस है। कार्रवाई तो करनी पड़ेगी।
दोनों किराएदार लड़कों को दो-दो थप्पड़ लगाए और दोनों ने बड़ी आसानी से बक़ाया किराया दे दिया। मकानदार ने भी क़ानून तोड़ा था। किसी भी व्यक्ति को अपने घर किराए पर रखने से पहले उसने पुलिस को सूचित नहीं किया था। उसे भी बिठा लिया। उसकी यह ग़लती बड़ी गंभीर थी, इससे कोई आतंकवादी वारदात भी हो सकती थी।
उसे अच्छी तरह से समझाया कि उसका अपराध कितना गंभीर है। घबराइये नहीं, उसे थप्पड़ नहीं लगाया। वह खुद ही आकर 10 हज़ार रूपए दे गया। अब वह क़ानून तोड़ने की जुर्रत कभी नहीं करेगा।
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4 comments:
धन्य हो, महाराज!! जिस भी डिपार्टमेन्ट में पहुँच जाओ, उद्धार करके ही मानोगे. :)
हमारे यहाँ के डिपार्टमेंट भी एक से बढ़कर एक हैं। इनके बारे में जितना लिखा जाए कम है। - आनंद
आप तो पक्के लिक्खाड़ हैं, बड़ी सधी हुई कलम है आनंद बाबू. आपका स्वागत है.
धन्यवाद संजय जी।-आनंद
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